रिस्ते नाते बड़े भाग्य से बनते हैं

रिश्ते नाते बड़े भाग्य से बनते हैं।
 और फिर किन भाइयों मै लड़ाई होती नहीं, तो किया इसका मतलब हम अपने रिश्ते को नापाक समझ लें और अगला अगर नहीं आता तुम्हारे पास तो तुम्ही झुक जाओ क्या बिगड़ जायेगा ।
कुछ गलातफेमिया पाल लेने से या कुछ उसकी गलतियाँ जान लेने से , क्या ? हम इसकी वजह से अपने रिश्तों को जज करना सीख जाते है।
चलो ये भी माना दोनों तरफ से गलतियाँ हुई ,मगर एक बार आमने , सामने बैठकर बात करके अपने सभी गलतियों को भूलकर फिर से एक हो जाओ ।
और दूसरे तुम्हारे बारे मे क्या बोलते हैं, इस पे तो बिलकुल भी मत जाइए , क्योकि..... "कुछ तो लोग कहेंगे ,लोगों का काम है कहेना"।
इस भाग, दौड़ की ज़िन्दगी मै रिश्ते बिखरते जा रहे हैं। इन्हे समेट कर अपना बच्चा समझकर इसका ख़याल रखें
वरना एक दिन आप अकेले होंगे और आप चीख रहे होंगे की कोई तो सुन लो मेरी आवाज़ ,मगर अफ़सोस की वो आवाज़ अब उन कानों तक नहीं जा सकेगी  जो कल तक आपके अपने थे।

मेरी किताब के कुछ अंश।
"मेरे रंग  से" ।.......
(piyush)

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