बुरे वक्त पर घबरा नहीं अच्छे वक्त पर पगलाना नहीं

"बुरे वक्त में घबराना नहीं,अच्छे वक्त में पगलाना नहीं" 

फ्री में दिए गए चीज या नसीब से मिली चीजों की कोई कद्र नहीं होती। 
जाहिर हैं जिनको ये सब मिलता हैं उनको , जैसे नसीब अच्छा हैं की उसे अच्छे रिश्ते मिले हैं, नसीब अच्छा हैं की वो दौलत मंद हैं, नसीब अच्छा हैं की किस्मत उसकी बढिया हैं और ना जाने नसीब किया,किया..... 
(हाँ कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनको नसीब से मिला पर उसकी कद्र, उसकी वैल्यू कर के आज तक रखी हुईं हैं वो अलग बात हैं खैर।)लेकिन अगर यही चीज खुद के दम पर कुछ करता हैं, नसीब से नहीं, महेनत करके कमाता हैं तो उसे एक, एक रुपए की भी कीमत पता होंगी चाहे वो ₹10 की वड़ापाव ही क्यों ना हों क्योंकि उसे पता हैं की वो ₹10 रुपए आए कहाँ से हैं। 
जाहिर हैं की हम सभी को किसी ना किसी के सपोर्ट की ज़रूरत पडती ही हैं लाइफ में आगे जाने के लिए,बस उन लोगों को भूलना नहीं चाहिए कभी,मैंने अपनी ज़िन्दगी में ऐसे कई बिरले देखें हैं जो उड़ते,उड़ते ध्रातल पर गिर गए और कई लोगों को ज़मीन से उठते हुए और ऊपर तक जाते देखा उन सभी लोगों मैं एक चीज कॉमन थी वो ये की सबको ऊचाई पर उड़ना था, बस फर्क ये था उन सभी में की जो अपनी महेनत से पहुंचे जिनके ज़िन्दगी में  संघर्ष था वो आज उस सफलता को मेंटेन किए हुए हैं और जिनको नसीब से मिला वो निचे गिरे पड़े हुए हैं। 

"#Success मिल जाना कोई बहुत बड़ी बात नहीं हैं, बस उस #Success को मेंटेन कर के रख पाना वो बहुत बड़ी बात हैं " 
राधे राधे~ 

पियूष~

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